“जरा ठहरो ओ ज़िंदगी, वक़्त की आजमाइश अभी और बाँकि है । पार चलना तो आदत है जिंदगी की जरा संभालना अभी और बाँकि है ।”
Life poems
“जवाँ रातो मे, चाँद से बातों मे वक़्त कुछ पानी सा बह जाती है। सूरज की लालीमा जबतलक न छाए निन्दिया रानी कहाँ आती है ।”
Life Poems
सो सो कर जगा, जग जग कर सोया,अकेले मे मै बहुत रोया । जब भी देखा आइना, खुद को ढूंढा जितना खुद को खोया । “