manojkarn Oct, Tue, 2023 Life Life poems “कुर्सियों की होड़ है, जैसे कोई दौड़ है, चिपक गए कुर्सी से जैसे च्युइंग गम, अब तो wait है उसकी जो हो सिंघम, धुल चटादे सब को जैसे कोई bom, आरहा है फिर से election वाला कायक्रम ।”